Add

Ads

Ad

Results for festival

हैप्पी न्यू ईयर ऑल 2019, 1 जनवरी 2019 : Happy New Year All 2019, January 1, 2019

December 30, 2018
International

हैप्पी न्यू ईयर ऑल 2019, 1 जनवरी 2019 : Happy New Year All 2019, January 1, 2019

Happy New Year All 2019: Wishes, Quotes, Messages, WhatsApp Status, Happy New Year 2019: Thoughtful New Year Wishes For Your Loved, Happy New Year 2019 Wishes | Messages | Quotes | Images, New Year 2019 Images, Stock Photos & Vectors | Shutterstock, happy new year 2019 wallpaper,  2019 messages, happy new year 2019 status, happy new year 2019 quotes, happy new year 2019 gif and more. 

अपने आपको और बेहतर बनाने के एक और साल आपकी जिंदगी में दस्तक देने वाला है। साल 2019 इंतजार में है कि आप अपनी बाहें फैलाकर उसे अपनी लाइफ का अहम हिस्सा बना लें। सही समय को पहचाने और उसे आगे बढ़ने के लिए सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करें। लेकिन इसी बीच एक साल आपका साथ छोड़कर जाने वाला है। तो ऐसे में क्यों न हम उन लोगों को तहे दिल से शुक्रिया बोलें/उनको धन्यवाद कहें जो किसी न किसी तरह से हमें बेहतर बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही इस मौके पर हम अपने दिल के करीब लोगों को भी एक प्यारा सा संदेश भेजकर उन्हें नए साल 2019 की शुभकामनाएं दे सकते हैं।

Naya saal mubarak ho

International

Click The images for more

बीते साल को विदा इस कद्र करते है
जो नहीं किया अब तक वो भी कर गुजरते है
नया साल (New Year) आने की खुशियाँ तो सब मनाते है
चलो हम इस बार बीते साल (Past Year) को यादो का जश्न मनाते है

बारह महीनो का इंतजार
फिर तुम एते हो हेर साल
दिलो क बिच दूरिया
कुछ पलों क लिए ही सही
मिटा देते हो हर साल
हेर कोई एक दूसरे से
हैप्पी नई ईयर

International

Click The images for more

गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है।
मुबारक हो आपको नया साल,
हमने आपको यह एडवांस में दिल से पैगाग भेजा है।

आपके सारे गम खुशियों में तौल दूं,
अपने सारे राज आपके सामने खोल दूं।
कोई मुझसे पहले न बोल दे,
इसलिए सोचा क्यों न आज ही आपको Happy New Year  All  बोल दूं।।

International

Happy New Year  All  2019

अगर दोस्ती एक गुनाह तो उसे होने मत देना,
अगर दोस्ती खुदा है तो उसे खोने मत देना
अगर की है किसी से दोस्ती,
तो उस दोस्त को खफा न होने देना
Happy New Year All 2019


International
हैप्पी न्यू ईयर ऑल 2019, 1 जनवरी 2019 : Happy New Year All 2019, January 1, 2019 हैप्पी न्यू ईयर ऑल 2019, 1 जनवरी 2019 : Happy New Year All 2019, January 1, 2019 Reviewed by maxlinkinfo on December 30, 2018 Rating: 5

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने क्रिसमस पर दिया एक मेसेज : British Queen Elizabeth II sent a message on Christmas

December 23, 2018
International, festival

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने क्रिसमस पर दिया एक मेसेज : British Queen Elizabeth II sent a message on Christmas

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय उनके राज्य में हर कोई क्रिसमस की बहुत कामना कर रहा हैं - और वे सभी को सम्मान और दया का महत्व प्रदान कर रही हैं। हालांकि उसका वार्षिक क्रिसमस पता 25 दिसंबर तक प्रसारित नहीं होता है, लेकिन महल द्वारा जारी एक पूर्वावलोकन बकिंघम पैलेस के राजसी व्हाइट ड्रॉइंग रूम से 92 वर्षीय एलिजाबेथ द्वितीय के द्वारा दिया गया भाषण है।

ब्रिटिश राजशाही के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले एंजेला केली द्वारा एक हाथीदांत रेशम कॉकटेल पोशाक पहने हुए, ने कहा कि "मैंने कई वर्षों में देखा है कि विश्वास, परिवार और दोस्ती न केवल मेरे लिए एक निरंतरता है, बल्कि व्यक्तिगत आराम का स्रोत है और आश्वासन। "

रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने संबोधन में पृथ्वी पर शांति और सभी के लिए सद्भाव का संदेश

International, festival

Credit to:firstpost.com

रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अपने संबोधन में दयालुता के प्रभाव पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "यहां तक ​​कि सबसे गहरे मतभेदों के साथ, दूसरे व्यक्ति के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करना और एक इंसान के रूप में, हमेशा बड़ी समझ के लिए एक अच्छा पहला कदम है।" उसने भविष्य के प्रति अपनी आशा को दर्शाने के लिए यीशु की शिक्षाओं का पालन किया। "मुझे विश्वास है कि पृथ्वी पर शांति और सभी के लिए सद्भाव का संदेश कभी भी पुराना नहीं है," रानी ने टिप्पणी की। “यह सभी के द्वारा ध्यान में रखा जा सकता है; इसकी हमेशा की तरह जरूरत है। ”

स्काई न्यूज द्वारा निर्मित उनके भाषण में उस परिवार के मीठे टोकन शामिल हैं जिनकी वह प्रशंसा करती हैं। कैमरे के दृश्य के भीतर एक मेज पर, 1948 की एक श्वेत-श्याम तस्वीर रानी एलिजाबेथ द्वितीय को दिखाती है जब वह अपने पति प्रिंस फिलिप और उनके शिशु बेटे प्रिंस चार्ल्स के साथ अभी भी एक राजकुमारी थी।

इसके अलावा, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय स्कारब ब्रोच पहनती हैं जो उनके पति ने उन्हें 1966 में दिया था। एंड्रयू ग्राइमा की स्पार्कलिंग डिज़ाइन में पीले सोने और हीरे के साथ नक्काशीदार माणिक शामिल हैं। महारानी का परिवार पिछले क्रिसमस से बड़ा हो गया है: उनके पोते प्रिंस विलियम ने बेटे केट लुइस का पत्नी केट मिडलटन के साथ अप्रैल में स्वागत किया और उनकी पोती ज़ारा टिंडाल ने जून में पति माइक टिंडल के साथ बेटी लीना एलिजाबेथ को जन्म दिया।

किंग जॉर्ज VI ने 1932 में रेडियो पर क्रिसमस संबोधन परंपरा शुरू की

International, festival

Credit to:thebeautygypsy.com

उनके पोते प्रिंस हैरी ने मेघन मार्कल (जो वसंत में एक बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं) के साथ मई में शादी के बंधन में बंधे, और उनकी पोती राजकुमारी यूजनी ने अक्टूबर में जैक ब्रूक्सबैंक से शादी की। महारानी एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज VI ने 1932 में रेडियो पर क्रिसमस संबोधन परंपरा शुरू की। उन्होंने 1952 में रेडियो के माध्यम से और 1957 में टेलीविजन के माध्यम से अपना पहला क्रिसमस भाषण दिया।

एलिजाबेथ द्वितीय का अब तक का व्यस्त क्रिसमस सीजन रहा है। बुधवार को, उसने बकिंघम पैलेस में शाही परिवार के लिए एक क्रिसमस दोपहर के भोजन की मेजबानी की, और गुरुवार को, वह ट्रेन से नोरफोक में सैंड्रिंघम हाउस के लिए लंदन रवाना हो गई। रविवार को, वह परिवार के सदस्यों के साथ सैंड्रिंघम एस्टेट पर सेंट मैरी मैग्डलीन की चर्च सेवा में भाग लेकर छुट्टी के लिए तैयार हो गया। हैरी और मेघन क्रिसमस पर सैंड्रिंघम हाउस में उसके साथ रहेंगे। विलियम, केट और उनके बच्चे पास के अनमर हॉल में रहेंगे।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने क्रिसमस पर दिया एक मेसेज : British Queen Elizabeth II sent a message on Christmas ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने क्रिसमस पर दिया एक मेसेज : British Queen Elizabeth II sent a message on Christmas Reviewed by maxlinkinfo on December 23, 2018 Rating: 5

कार्तिक पूर्णिमा में इस तरह करें पूजा और प्राप्त करे सुख और समृद्धि : Do this in Kartik Purnima, worship and get happiness and prosperity

November 22, 2018
festival

कार्तिक पूर्णिमा में इस तरह करें पूजा और प्राप्त करे सुख और समृद्धि :  Do this in Kartik Purnima, worship and get happiness and prosperity

हिन्दुस्थान में हर दिन कोई न कोई त्योहार जरूरु होता है चाहे वो बड़ा हो छोटा आज कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा और व्रत करने से घर में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान  और गंगा स्नान का बेहद महत्व है. इस बार यह पूर्णिमा 23 नवंबर को है।

पूर्णिमा का दिन सभी के लिए किसी न किसी रूप से सभी के लिए मान्यता के आधार पर अति शुभ माना जाता है, इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है. इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं।

यह भी पढ़े - देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह

इस दिन ऐसे की जाती है पूजा 

पौराणिक मान्यताओं के आधार पर दीपक प्रज्वलित करने के बाद पूजन करने से मां लक्ष्मी और सभी देवताओ का आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन तुलसी का चौरा, गंगा नदी में और मंदिर में दीपक जलाना बेहद शुभ कार्य माना जाता है। कहा तो यह भी जाता है कि सांयकाल और सुबह सूर्य के अभाव में जहां दीपक का प्रकाश होता है वहीं देवताओं का निवास स्थान होता है यानी देवता वहां उपस्तिथ होते हैं। इसलिए इस शुभ घड़ी को अपने कल्याण कार्य के लिए अवश्य उपयोग में लाना चाहिए। यदि आप हर प्रकार की समृद्धि पाना चाहते है तो आपको इन उपायों को उपयोग में लाना चाहिए।

यह भी पढ़े - क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त

इन उपायों को उपयोग में लाने से होंगे अटके काम

कार्तिक पूर्णिमा पूजा-विधि (Kartik Purnima Puja-Vidhi)

1. प्रातः सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें.
2. यदि आपके पास में गंगा नदी मौजूद है तो वहां अवश्य स्नान करें.
3. प्रातः काल के वक्त मिट्टी के दीपक में घी अथवा तिल का तेल डालकर दीपदान करें.
4. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें.
5. और इन सबके बाद श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें या फिर भगवान विष्णु के इस मंत्र को पढ़ें. 'नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:।।'
6. अपने घर में हवन या पूजन करें.
7. हमेशा अपने घर से घी, अन्न या खाने की कोई भी वस्तु दान करें.
8. सांयकाल के समय भी मंदिर में दीपदान करें और पूजा करे.  
कार्तिक पूर्णिमा में इस तरह करें पूजा और प्राप्त करे सुख और समृद्धि : Do this in Kartik Purnima, worship and get happiness and prosperity कार्तिक पूर्णिमा में इस तरह करें पूजा और प्राप्त करे सुख और समृद्धि :  Do this in Kartik Purnima, worship and get happiness and prosperity Reviewed by maxlinkinfo on November 22, 2018 Rating: 5

देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage

November 18, 2018
festival

देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage

देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage, देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा, देवउठनी एकादशी 2018 आज, Tulsi Vivah 2018: तुलसी विवाह से मिलता है, जानिए क्या है देवउठनी एकादशी, किसकी होती है पूजा, जानिये कब और कैसे होता है तुलसी विवाह

हमारे भारत में अनेको उत्सव मनाये जाते है और आज है देवउठनी एकादशी, भगवान विष्णु के निंद्रा से जागने का दिन। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना का बहुत महत्व है। इस एकादशी पर व्रत करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु निंद्रा से जाग जाते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। सभी देवों ने भगवान विष्णु को चार मास की योग निद्रा से जगाने के लिए घंटा, शंख, मृदंग आदि की मांगलिक ध्वनि के साथ श्लोकों का उच्चारण किया था।

यह भी पढ़ें - क्या है भाई दूज, कब है भाई दूज और क्या है मान्यता

इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से जन्म जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं। व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में समृद्धि आती है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ इस दिन तुलसी जी का शालिग्राम से विवाह भी कराया जाता है।

आज है देवउठनी एकादशी, भगवान विष्णु के निंद्रा से जागने का दिन। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना का बहुत महत्व है। इस एकादशी पर व्रत करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु निंद्रा से जाग जाते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। सभी देवों ने भगवान विष्णु को चार मास की योग निद्रा से जगाने के लिए घंटा, शंख, मृदंग आदि की मांगलिक ध्वनि के साथ श्लोकों का उच्चारण किया था।

यह भी पढ़ें - क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत

आज है देवउठनी एकादशी, भगवान विष्णु के निंद्रा से जागने का दिन। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना का बहुत महत्व है। इस एकादशी पर व्रत करने से बैकुंठ की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु निंद्रा से जाग जाते हैं और मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। सभी देवों ने भगवान विष्णु को चार मास की योग निद्रा से जगाने के लिए घंटा, शंख, मृदंग आदि की मांगलिक ध्वनि के साथ श्लोकों का उच्चारण किया था।

देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage

festival

Credit to:indiatimes.com

इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से जन्म जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं। व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में समृद्धि आती है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ इस दिन तुलसी जी का शालिग्राम से विवाह भी कराया जाता है।

तुलसी से वातावरण होता है शुद्ध

तुलसी का सबसे प्रमुख गुण है शुद्धता। तुलसी अपने आस-पास के वातावरण शुद्ध बनाती है। इसकी वजह से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, वास्तु के दोष भी दूर होते हैं।

तुलसी को चढ़ाना चाहिए जल

तुलसी पूजा करने से देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती है। तुलसी को रोज जल चढ़ाना चाहिए। सूर्यास्त के बाद तुलसी के बाद दीपक जलाना चाहिए।

देवउठनी एकादशी पर ऐसे करें तुलसी की पूजा

> इस दिन तुलसी के आसपास साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।

> सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल चढ़ाएं। हल्दी, दूध, कुंकुम, चावल, भोग, चुनरी आदि पूजन सामर्गी अर्पित करें।

यह भी पढ़ें - Teja Dashmi 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण और मानयता क्या है

> सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाएं। कर्पूर जलाकर आरती करें।

> आप चाहें तो इस दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह भी करवा सकते हैं। अगर ये नहीं कर सकते हैं तो तुलसी की सामान्य पूजा भी की जा सकती है।

> घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए प्रार्थना करें। तुलसी नामाष्टक का पाठ करें।

तुलसी नामाष्टक मंत्र

festival

Credit to:bebaknews.in

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

यः पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage. Latest and current Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage देवउठनी एकादशी मान्यता और तुलसी पूजा और तुलसी विवाह : Dev Uthani Ekadashi recognition and Tulsi Puja and Tulsi marriage Reviewed by maxlinkinfo on November 18, 2018 Rating: 5

क्या है भाई दूज, कब है भाई दूज और क्या है मान्यता : What is Bhai Dooj, when is Bhai Dooj and what is Recognition

October 29, 2018
festival

क्या है भाई दूज, कब है भाई दूज और क्या है मान्यता : What is Bhai Dooj, when is Bhai Dooj and what is Recognition

भारत में अनेक त्यौहार मनाये जाते है क्योंकि ये हिन्दुओ को देश है यहाँ पर हर माह में कोई न कोई त्यौहार आ ही जाता है आज हम बात करने वाले है भाई दोज (भाई दूज) की , जिसे 'भाई टिक' या 'भौ-बीज' भी कहा जाता है, एक अद्वितीय हिंदू त्यौहार है जो एक भाई और बहन के बीच प्यार  को निस्संदेह और शुद्ध बंधन के रूप में मनाया जाता है। यह 'कार्तिक' के हिंदू महीने में शुक्ला पक्ष (चंद्रमा के उज्ज्वल या साफ़ होने पर) के 'डोज' (दूसरे दिन) पर मनाया जाता है। भाई दूज फेस्टिवल 2018, दूसरी तीथी 08 नवंबर 2018 को 22:37 बजे शुरू होती है9 नवंबर, 2018 को 22:50 बजे डिटिया तिथी समाप्त होता है

 ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह अक्टूबर-नवंबर के बीच आता है। भाई दूज दीवाली के 5 दिवसीय लंबे त्यौहार का आखिरी दिन माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के एक खुशहाल और लंबे जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन के रूप में भाई दूज को 'यमदवितिया' भी कहा जाता है, मृत्यु के देवता भगवान यम ने अपनी बहन यमुना से बहुत लंबे समय तक अलग होने के बाद मुलाकात की थी। भारत में छोड़कर कहीं भी, इस तरह के भव्य तरीके से भाई-बहन के प्यार को नहीं मनाया जाता है।

यह भी पढ़े - दीपावली 7 नवंबर 2018, शुभ मुहूर्त, क्या दे उपहार और कितने दिनों का बैंक अवकाश

भारत के बाहर भाई दोज महोत्सव

आज कल भारत में ही नहीं अपितु भाई दूज का त्यौहार नेपाल के हिंदुओं द्वारा भी मनाया जाता है, जहां इसे भाई टिक के नाम से जाना जाता है। भाई टिक या किआ पूजा का अवसर तिहाड़ त्यौहार के पांचवें दिन मनाया जाता है जो भारत के दिवाली त्यौहार के बराबर है। ये समय विक्रम संवत कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक तुकीया कार्तिक सुक्का पार्टी के दत्तिया पर पड़ता है।

भाई दूज फेस्टिवल 2018

चुकी ये एक हिन्दू त्यौहार है इसलिए हिंदू पौराणिक कथाओं और ज्योतिष के अनुसार, यह एक विशेष अवसर में और उत्सव के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस त्यौहार में ऐसा माना जाता है की भगवान और देवी के आशीर्वाद से ये दिन बहुत शुभ होता है, लोग बुरे और नकारात्मक शक्ति के प्रभाव को दूर करने के लिए यह सही समय पर एक विशेष दिन माना जाता हैं। इस मौके पर यह इफेमेरिस पुराने हिंदू कैलेंडर का उचित समय होता है, जो विक्रम संवत युग पर आधारित है।

पूजा विधि

Festival

Credit to:gujaratexpert.com

भारत में सब त्यौहार अलग-अलग रूप में मनाया जाता है भैया दूज के दिन बहनें आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं. रोली, चांडाल, चावल, घी का दिया, मिष्ठान से थाल सजाएं. कद्दू के फूल, सुपारी, मुद्रा हाथों पर रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ें. भाई के माथे पर तिलक लगाएं. भाई, बहन के लिए कुछ उपहार दें. भाई की लंबी उम्र की कामना करें. इसके बाद बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन दें. बाद में भाई अपनी बहन को उसकी सुरक्षा का वचन देता है ।

यह भी पढ़े - नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ

भाई दूज 2018 का जश्न मनाने के लिए शुभ समय!

भाई दुज महोत्सव 13:10 से 15:27 के लिए शुभकामनाएं

भाई युगल समारोह के लिए कुल अवधि 2 घंटे 17 मिनट

दूसरी तीथी 08 नवंबर 2018 को 22:37 बजे शुरू होती है9 नवंबर, 2018 को 22:50 बजे डिटिया तिथी समाप्त होता है

कब मनाया जाता है भाई दूज

भाई दूज एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जब महिलाएं अपने भाइयों के लिए अपने लंबे और समृद्ध जीवन के लिए देवी- देवताओं से प्रार्थना करती हैं। यह दिवाली के लोकप्रिय त्यौहार के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस साल, भाई दूज , शुक्रवार 9 नवंबर को मनाया जाएगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों जैसे भुज बेजा, भाई टिकका या भाई फोटो में विभिन्न नामों से जाना जाता है। यह त्यौहार रक्षा बंधन के समान है, क्योंकि यह एक भाई और बहन के बीच प्यार मनाता है।

इस दिन, महिलाएं अपने भाइयों को घर में आने के लिए आमंत्रित करती हैं और उनके माथे पर 'तिलक' लगाती है और उसके लिए भगवान को प्रार्थना करती हैं और भाई उपहारों के साथ अपनी बहन को आशीर्वाद के साथ-साथ उसकी सुरक्षा का वचन देता हैं।

यह भी पढ़े - Teja Dashmi 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है 

क्या है भाई दूज की मान्यता

मिथोलॉजी ब्रदर-दूज की उत्पत्ति पर और मिथोलॉजी के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज ने आज के दिन अपनी बहन से मिलना चाहा। उनकी बहन, यामी, जिन्हें यमुना भी कहा जाता है, ने उन्होंने आरती के साथ उनका स्वागत किया, और उसके माथे पर तिलक के बाद, उन्हें मिठाई दी। बदले में, मृत्यु के देवता यमराज ने एक उपहार दिया जिसने उसके प्रति अपने प्यार और स्नेह की भावना को अपनी बहन के सामने प्रदर्शित किया था। और उसी दिन मृत्यु के देवता यमराज ने अपनी बहन के प्यार से प्रेरित, यमराज ने घोषणा की कि किसी भी भाई को इस दिन अपनी बहन से आरती और तिलक लगाया जायेगा, उन्हें कभी भी इस दिन मौत से डरना नहीं होगा। यह कहानी देश के कुछ हिस्सों में यम दीतिया नामक त्योहार के पीछे भी मानी जाती है।

What is Bhai Dooj, when is Bhai Dooj and what is Recognition. Latest and current 
Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
क्या है भाई दूज, कब है भाई दूज और क्या है मान्यता : What is Bhai Dooj, when is Bhai Dooj and what is Recognition क्या है भाई दूज, कब है भाई दूज और क्या है मान्यता : What is Bhai Dooj, when is Bhai Dooj and what is Recognition Reviewed by maxlinkinfo on October 29, 2018 Rating: 5

दीपावली 7 नवंबर 2018, शुभ मुहूर्त, क्या दे उपहार और कितने दिनों का बैंक अवकाश : Deepawali 7th November 2018, auspicious time, what gift gift and how many days bank holidays

October 28, 2018

दीपावली 7 नवंबर 2018, शुभ मुहूर्त, क्या दे उपहार और कितने दिनों का बैंक अवकाश : Deepawali 7th November 2018, auspicious time, what gift gift and how many days bank holidays

हमेशा की तरह भारत में पर्त्येक वर्ष दीपावली 2018 मनाई जाती है और दीपावली कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन हर साल मनाई जाती है। इस वर्ष दीपावली का पावन पर्व 7 नवंबर 2018, बुधवार को धार्मिक श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस पर्व को लेकर बाजार में कुछ दिनों पहले ही तैयारियों माहौल बन जाता हैं दीपावली कब है, दीपावली का इतहास और क्यों मनाई जाती है दीपावली पढ़िए 

जहां मूर्तिकार देवी-देवताओं की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे होते हैं वही कपडे वाले और मिठाई वाले भी अपनी दुकानो की सजावट और नए कपड़े और मिठाइयों को बनाने में लग जाते है । दीपवाली भारत का सबसे बड़ा और लम्बा त्योहार है ये त्योहार करीबन 4 से 5  दिन का होता है और इस वर्ष भी हर वर्ष की भांति ये त्योहार बड़े धूम धाम से मनाया जायेगा ।

दीपावली 7 नवंबर 2018 : पूजन व खाता पूजन के लिए शुभ मुहूर्त


Credi to:news18.com

इस बार दीपावली 2018 अमावस्या तिथि पर महानिशीथ काल का अभाव है। इसलिए निशा पूजा व तांत्रिका पूजा स्थिर लग्न सिंह में की जाएगी जो शुभकारक रहेगा। पंडितो और शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि मंगलवार रात 10:06 बजे से शुरू हो जाएगी जो बुधवार की रात 9:01 बजे तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि में अमावस्या का मान सूर्योदय में मिल रहा है। साथ ही प्रदोष काल भी उत्तम योग है।

प्रदोष काल : शाम 5:42 से 7:37 बजे तक (पूजन व खाता पूजन के लिए शुभ मुहूर्त)

स्थिर लग्न कुंभ में : दोपहर 1:06 से दोपहर 2:34 तक.

दीपावली 2018 के शुभ अवसर पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को उपहार देने का चलन है। हम उपहार में देने के लिए बहुत-सी चीजें खरीदते हैं। कई बार हमें ऐसे उपहारों को खरीद लेते है जिसके  प्रभाव के बारे में हमें कुछ जानकारी भी नहीं होती। दीपावली के पावन त्योहार पर आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को क्या चीज उपहार में देनी चाहिए और क्या नहीं देनी चाहिए ये सब आपको पहले जान लेनी चाहिए की क्या सही है और क्या गलत है । यह भी पढ़े - नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ

दीपावली 7 नवंबर 2018 : दीपावली के पावन त्योहार पर क्या देना चाहिए और क्या नहीं


Credi to:patrika.com

शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार, दिए गए उपहार से न केवल इसे लेने वाले की बल्कि देने वाले की किस्मत भी बनती और बिगड़ती है। इस अवसर पर किसी को भी पानी से संबंधित कोई वस्तु नहीं देनी चाहिए। क्योंकि यह मां लक्ष्मी से संबंधित पर्व होता है और उनका वास जल में होता है।

दीपावली 7 नवंबर 2018 और धनतेरस के अवसर पर नुकीली चीजें खरीदने से बचना चाहिए। साथ ही ऐसी कोई वस्तु जिसमें तीखे किनारे हों, अपने दोस्तों और परिवार को उपहार में भी नहीं देनी चाहिए।

अगर किसी को बर्तन उपहार में दे रहे हैं तो पानी का जग, ग्लास या सोने-चांदी से बना बर्तन न दें।

दीपावली 7 नवंबर 2018 के अवसर पर या धनतेरस पर किसी को उपहार देते समय अष्टधातु से बनी हुई कोई वस्तु न दें।

दीपावली पर लक्ष्मी और गणपति की प्रतिमा भूलकर भी किसी को भेंट में न दें। ऐसी मान्यताएं है कि ऐसा करके आप इससे आप अपना सौभाग्य किसी और को दे देते हैं।

धन संबंधी कार्य आप पहले ही निपटा ले क्योंकि बैंको में रहेगा लम्बा अवकाश


Credi to:ndtvimg.com

चूँकि दीपावली 7 नवंबर 2018 एक बहुत बड़ा त्यौहार है इसलिए ये भारत की जनता के लिए सबसे पहले होता है इसी पर सब अपने रिश्ते-दारो और अपने दोस्तों से मिलते है कारण यहाँ होता है की इसमें कम से कम चार से पांच दिन का समय मिलता है जो एक बहुत लम्बी समया-अवधि है आपको बता दे की इस बार  नवंबर में ये हैं पांच दिन का अवकाश रहेगा इस लिए धन संबंधी कार्य आप पहले ही निपटा ले बैंको में बड़े लम्बी समयावधि का अवकाश रहेगा ।

यह भी पढ़े - क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत

Bank Holidya 2018

छह नवंबर    तहसील दिवस
सात नवंबर    दिवाली
आठ नवंबर    गोवर्धन पूजा
नौ नवंबर    भैया दूज
10 नवंबर    दूसरा शनिवार (अवकाश)
11 नवंबर    रविवार (अवकाश)

Deepawali 7th November 2018, auspicious time, what gift gift and how many days bank holidays. Latest and current Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
दीपावली 7 नवंबर 2018, शुभ मुहूर्त, क्या दे उपहार और कितने दिनों का बैंक अवकाश : Deepawali 7th November 2018, auspicious time, what gift gift and how many days bank holidays दीपावली 7 नवंबर 2018, शुभ मुहूर्त, क्या दे उपहार और कितने दिनों का बैंक अवकाश : Deepawali 7th November 2018, auspicious time, what gift gift and how many days bank holidays Reviewed by maxlinkinfo on October 28, 2018 Rating: 5

क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast

October 26, 2018
Festival

क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast

भारत में वैसे तो कई त्योहार मनाये जाते है लेकिन करवा चौथ का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है इसे  परंपरागत रूप से दुनिया भर में हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। हिंदू चंद्रमा कैलेंडर के चौथ के दिन, करवा या करवा चौथ पर महिला अपने पति की लम्बी उम्र और सुरक्षा और उनके लंबे जीवन के लिए मजबूती देने के लिए उपवास रखती है। Karva Chauth 2018, Karva Chauth 2018: करवा चौथ का शुभ मुहूर्त,व्रत रखने से पहले सुहागिन महिलाएं जान लें ये बातें, Karwa Chauth 2018 Date टाइम, कैसे करें करवा चौथ का व्रत और पूजा।

दुनिया के विश्वगुरु भारत में, त्यौहार मुख्य रूप से पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मनाया जाता है। महाभारत के वाना पर्व के अनुसार, त्यौहार की उत्पत्ति उस समय की जा सकती है जब सावित्री ने अपने पति की आत्मा के लिए भगवान यम की मृत्यु के देवता से आग्रह किया था। इस दिन के दौरान, विवाहित महिलाएं जीवंत कपड़े पहनती हैं और अपने हाथों पर सुंदर मेहँदी डिज़ाइन बनती हैं। वे चंद्रमा को देख कर उसके बाद अपने पति का चेहरा देख कर अपना उपवास तोड़ती है ।

यह भी पढ़ें - नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ

Karva Chauth 2018 करवा चौथ के दिन पानी पीना चाहिए या नहीं?

Festival

Credit to:india.com

हिंदू धर्म में करवा चौथ (Karwa Chauth) का बहुत महत्व है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं पूरे दिन भूखे और प्यासे रहकर अपने पति के लिए व्रत रखती हैं. इस व्रत की प्रचलित कथा के मुताबिक करवा चौथ (Karwa Chauth) का उपवास रखने से पति के जीवन से संकट दूर होकर उसकी आयु लंबी होती है. इसी मान्यता के चलते यह त्योहार बहुत प्रचलित है. करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत जितना प्रसिद्ध है उतना ही कठिन भी है. क्योंकि इस दिन महिलाएं पानी तक नहीं पीतीं. कई घरों में महिलाएं करवा चौथ के दौरान पानी नहीं पीतीं. लेकिन आपको बता दें व्रत की प्रचलित कथाओं में कहीं भी पानी ना पीने के बारे में नहीं लिखा गया है।

यह भी पढ़ें - महाल 2018, तिथि और वार और महत्व

कोनसी महिलाओं को नहीं करना चाहिए ये व्रत

Festival

Credit to:india.com

अगर आपको सेहत से जुड़ी परेशानी या फिर आप प्रेग्नेंट हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह करके ही पानी को अवॉइड करें. साथ ही अगर आपका यह पहला करवा चौथ (Karwa Chauth) हो तो आप शाम की कथा के बाद पानी पी सकती हैं. वहीं, जिन घरों सरगी का चलन है, वो सुबह सरगी खाने के साथ पानी भी पी सकती हैं.

माना जाता है की करवा चौथ (Karwa Chauth)पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत है। इसके प्रभाव से सारे पाप नष्ट होते और जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता। पति की आयु में वृद्धि होती। गणपति, शिव-पार्वती व चंद्रमा की पूजा की जाती। शनिवार को करवा चौथ है। इसे लेकर महिलाओं में उल्लास है। व्रत को लेकर पूर्व दिवस पर देर शाम तक खरीदारी होती रही।

चलनी का महत्व

Festival

Credit to:inkhabar.com

कर्मकांड विशेषज्ञ पं. कमलापति त्रिपाठी 'प्रमोद' बताते हैं कि सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। व्रत में चलनी का काफी महत्व है। महिलाएं पूजा की थाली में पूजन सामग्री के साथ-साथ चलनी भी रखती हैं।  व्रत की रात वे पति को इसी चलनी से देखकर व्रत पूरा करती हैं। वे इस चलनी में पहले दीपक रखकर चांद को देखती हैं, फिर पति को निहारती हैं। इसके बाद पति उन्हें पानी पिलाकर व्रत पूरा करवाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है। उसमें सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण हैं। इसलिए, महिलाएं चांद को देखकर कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं।  यह भी पढ़ें - तेजा दशमी 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है

पूजा का मुहूर्त

करवा चौथ (Karwa Chauth) पूजा मुहूर्त - संध्या 5:40 से 6:47 बजे तक

चंद्रोदय का समय - संध्या 7:55 बजे

जन सामग्री - 

Festival

Credit to:igp.com

मां पार्वती, भगवान शिव और गणपति की फोटो। कच्चा दूध, कुमकुम, अगरबत्ती, शक्कर, शहद, पुष्प, शुद्ध घी, दही, मेहंदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिंदूर, अलता, कंघा, चुनरी, बिंदी, बिछिया, चूड़ी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक और बाती के लिए रूई, गेहूं शक्कर महीन, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठवारी, हलवा और दक्षिणा के लिए पैसे।

इस पूरी सामग्री को व्रत के एक दिन पहले ही एकत्रित कर लेना चाहिए। फिर व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ और स्वच्छ कपड़े पहनकर शृंगार कर लें। इस अवसर पर करवा के साथ मां पार्वती और शिव की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान व्रत का संकल्प लेने के लिए इस मंत्र का जाप करें

'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।

घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीस कर उससे करवा का चित्र बनाएं। शाम को भगवान शिव और पार्वती की कोई ऐसी फोटो लकड़ी के आसन पर रखें, जिसमें भगवान गणेश मां की गोद में बैठे हों। मां पार्वती को शृंगार सामग्री अर्पित करें। इसके बाद मां पार्वती, भगवान गणेश और शिव की आराधना करें।

कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें और अघ्र्य दें। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें। पूजन के बाद अपने सास-ससुर और घर में बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें।

What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast. Latest and current Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast Reviewed by maxlinkinfo on October 26, 2018 Rating: 5

नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ :Navratri 2018 Auspicious Time, Worship Foods and Fast food Items with Navratri Dates

October 08, 2018
Festival

नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ :Navratri 2018 Auspicious Time, Worship Foods and Fast food Items with Navratri Dates

Navaratri 2018: नवरात्रि 2018 हमारे बहुत पास है और देश भर में इस 9 दिन के त्यौहार को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है । नवरात्रि 2018 बुधवार, 10 अक्टूबर, 2018 से शुरू होगी और शुक्रवार, 1 9 अक्टूबर, 2018 को समाप्त होगी । शरद नवरात्रि को सभी नवरात्रियों के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण नवरात्रि में से एक माना जाता है। इसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है। यह शरद रितु के दौरान अश्विन के चंद्र महीने में पड़ता है। त्यौहार के सभी नौ दिन देवी शक्ति के नौ रूपों को समर्पित किया जाता हैं और अंतिम दिन के बाद विजय दशमी या दशहरा के साथ दसवें दिन सम्पति होती है। 

इन नौ दिनों के दौरान, भक्त माता से आशीर्वाद लेने के लिए उपवास करते हैं। उपवास अवधि के दौरान, जबकि कुछ चीजें हैं जिन्हें आपको खाने की अनुमति है। जैसे-जैसे हम बड़े उत्सव को शुरू करने के लिए तैयार करते हैं, यहां वे खाद्य पदार्थ हैं जिन्हें आपको उपवास अवधि के लिए स्टॉक करना होगा।

Navaratri 2018: शुभ मुहूर्त (Auspicious Time)

यह भी पढ़े - तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण और मानयता क्या है

चित्रा नक्षत्र में शारदीय नवरात्र का प्रारम्भ होगा। पहला और दूसरा नवरात्र दस अक्तूबर को है। दूसरी तिथि का क्षय माना गया है। अर्थात शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना एक ही दिन होगी। इस बार पंचमी तिथि में वृद्धि है। 13 और 14 अक्तूबर दोनों दिन पंचमी रहेगी। पंचमी तिथि स्कंदमाता का दिन है।

मुहूर्त की समयावधि- एक घंटा दो मिनट (Muhurat's timeline - one hour two minutes)

ब्रह्म मुहूर्त-  प्रात: 4.39 से 7.25 बजे तक का समय भी श्रेष्ठ है।  7.26 बजे से द्वितीया तिथि का प्रारम्भ हो जाएगा।

Navaratri 2018 : एक और मुहूर्त (Another Muhurta)

यदि किन्हीं कारणों से प्रतिपदा के दिन सवेरे 6.22 से 7.25 मिनट तक घट स्थापना नहीं कर पाते हैं तो अभिजीत मुहूर्त में 11.36 से 12.24 बजे तक घट स्थापना कर सकते हैं। लेकिन यह घट स्थापना द्वितीया में ही मानी जाएगी।

प्रतिपदा तिथि का आरंभ :

9 अक्टूबर 2018, मंगलवार 09:16 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त : 10 अक्टूबर 2018, बुधवार 07:25 बजे

Navaratri 2018 : पूजा सामग्री (Worship Material)

Festival

Credit to:firstpost.com
माता की मूर्ति
चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा
माता की लाल चुनरी
कलश
ताजा आम के पत्ते
फूल माला
एक जटा वाला नारियल
पान के पत्ते
सुपारी
इलायची
लौंग
कपूर
रोली, सिंदूर
मौली (कलावा)
चावल
घी
 रुई या बत्ती
 हवन सामग्री
पांच मेवा
कपूर
जवारे बोने के लिए मिट्टी का बर्तन
माता के श्रंगार

नवरात्रि 2018 कब है नवरात्रि तिथि क्या है (Navaratri 2018 When is the date of Navratri)

नवरात्रि 2018 कब है जानिए एक गाइड के रूप में है (Navaratri 2018 is a guide when:)

दिन और दिन का नाम (Day and day name)

10 अक्टूबर, 2018 (बुधवार) प्रतिपदा

11 अक्टूबर, 2018 (गुरुवार) द्वितिया

12 अक्टूबर, 2018 (शुक्रवार) त्रितिया

13 अक्टूबर, 2018 (शनिवार) चतुर्थी

14 अक्टूबर, 2018 (रविवार) पंचमी

15 अक्टूबर, 2018 (सोमवार) सशती

16 अक्टूबर, 2018 (मंगलवार) सप्तमी

17 अक्टूबर, 2018 (बुधवार) अष्टमी

18 अक्टूबर, 2018 (गुरुवार) नवमी

1 9 अक्टूबर, 2018 (शुक्रवार) दशमी

Navaratri 2018 : खाद्य पदार्थ (Food ingredient)


Festival

Credit to:latestly.com

नवरात्रि 2018 (Navaratri 2018): उपवास अवधि के लिए आपको जो खाद्य पदार्थों का पहले से ही रखना चाहिए

फल

नवरात्रि को स्वस्थ बनाने का सबसे अच्छा तरीका फल है। उपवास, अंजीर, पानी की गोलियां (सिंहरा), केले, अनार (अनाार), कीवी, एट अल जैसे उपवास के दौरान फलों पर लोड करें और खुद को भूख और प्यास से बचाएं। ये हाइड्रेटिंग फल आपको दिन के माध्यम से सक्रिय रखने में मदद करेंगे।

सब्जियां

जबकि फल के मामले में कोई प्रतिबंध नहीं है, वहां कुछ सब्जियां हैं जो उपवास अवधि के दौरान प्रतिबंधित हो सकती हैं। नवरात्रि के दौरान आलू, लॉकी या बोतल, पीले कद्दू, अरबी, ककड़ी, मीठे आलू और कोलोकासिया जैसे Veggies खाने की अनुमति है। शेफ मंजुषा सिन्हा के अनुसार, इन उत्सवों के दौरान कोई भी रूट सब्जी या कंद का उपभोग कर सकता है। यहां सब्जियों की एक सूची दी गई है जो आप नवरात्रि के दौरान खा सकते हैं और खा सकते हैं।

मसाले

ऐसा कहा जाता है कि किसी को जीरा, हरी इलायची, लौंग, दालचीनी, काली मिर्च, चिमनी, जायफल, कोकम, सूखे अनार के बीज, और उनके उपवास आहार में अजवाइन जैसे सूक्ष्म मसाले हो सकते हैं। मसाले जो आप नहीं हो सकते हैं हल्दी, हिंग, गरम मसाला, धानिया के बीज आदि हैं। यहां मसालों की एक पूरी सूची है जो आप कर सकते हैं और नवरात्रि उपवास के दौरान नहीं खा सकते हैं।

वजन घटाने के लिए जड़ी बूटियों और मसालों

नवरात्रि 2018: ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान सूक्ष्म मसाले हो सकते हैं

flours

चूंकि गेहूं और सभी उद्देश्य के आटे या मैदा जैसे नियमित आटे की अनुमति नहीं है, अनाज (कुट्टू), अमरैंथ और पानी की गोलियां आटा (सिंगरा एटा) जैसे आटे स्वस्थ और अद्भुत विकल्प के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं।

तेल

चूंकि नवरात्रि के दौरान सरसों के बीज या सरसों के तेल की अनुमति नहीं है, इसलिए आप भोजन तैयार करने के लिए घी, वनस्पति तेल या मूंगफली के तेल में स्विच कर सकते हैं।

दुग्ध उत्पाद

वाणिज्यिक रूप से खरीदे गए मक्खन और पनीर को छोड़कर, इसमें बहुत सारे नमक होने के अलावा, आप पनीर, दूध, दही और क्रीम जैसे डेयरी उत्पादों को प्राप्त कर सकते हैं। उपवास अवधि के दौरान, किसी के पास टेबल नमक नहीं हो सकता है, यही कारण है कि उपर्युक्त डेयरी उत्पादों से बचने के लिए सबसे अच्छा है। यदि आप मक्खन खाना चाहते हैं, तो इसे घर पर बनाओ। यहां बताया गया है कि आप इसे नमक रहित कैसे बना सकते हैं।

दूध पैक

नवरात्रि 2018: आपके पास डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, दूध, दही और क्रीम हो सकते हैं

अन्य नवरात्रि खाद्य पदार्थ

नवरात्रि उपवास के दौरान आपके पास अन्य खाद्य पदार्थ हैं जो सुबुदान (टैपिओका मोती), नारियल का पानी, मखेन या लोमड़ी के पागल, बादाम का दूध, काजू दूध, नारियल, बादाम, काजू, किशमिश और अखरोट जैसे पागल हैं।

Navratri 2018 Auspicious Time, Worship Foods and Fast food Items with Navratri Dates. Latest and current Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ :Navratri 2018 Auspicious Time, Worship Foods and Fast food Items with Navratri Dates नवरात्रि 2018 शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और तिथि के साथ व्रत खाद्य पदार्थ :Navratri 2018 Auspicious Time, Worship Foods and Fast food Items with Navratri Dates Reviewed by maxlinkinfo on October 08, 2018 Rating: 5

महालया 2018, दिनांक और वार और महत्व : Mahayala 2018, Date and War and Importance

October 08, 2018
Festival

महालया 2018, दिनांक और वार और महत्व : Mahayala 2018, Date and War and Importance

दुनिया भर में बंगाली लोगों के लिए फिर से है - यह दुर्गा पुजो 2018 का समय है। महालाया 2018 के साथ शुरुआत, में बंगाली दुर्गा पूजा 2018 के लिए बहुत महत्व है, जिसकी तैयारी महीने पहले से शुरू होती है। दुर्गा पूजा से सात दिन पहले महालया, सर्वोच्च शक्ति की देवी दुर्गा के आगमन का प्रतीक है। 

महालया का महत्व यह है कि इस दिन पितृ पक्ष समाप्त होता है और यह देवी पक्ष की शुरुआत को दर्शाता है। देवी पक्ष हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार अश्विन के महीने में आने वाले चंद्रमा का मोम चरण है। महालया पर, उपासक अपने पूर्वजों को याद रखने के लिए तरपान करते हैं। बंगालियों के लिए, महायाय ने महिषाशुर मार्डिनी के मंत्रों के साथ बिरेन्द्र कृष्ण भद्र द्वारा शुरू किया - जो पिछले 85 वर्षों से परंपरा रही है।

यह भी पढ़े - तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण

महालया क्या संकेत देता है?

महालया को विशेष रूप से बंगालियों द्वारा आमंत्रित किए जाने के दिन मनाया जाता है। दुर्गा पूजा 2018 14 अक्टूबर को शुरू होती है और महालया ने बुराई के खिलाफ अपनी लड़ाई में देवी दुर्गा के आगमन को चिन्हित किया। भक्त पृथ्वी पर देवता के आविष्कार और बुराई महिषासुर को रोकने के लिए उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

यह भी पढ़ें - कृष्णा जन्माष्टमी 2018, श्री कृष्ण को भद्रपद के रोहिणी नक्षत्र में माना गया था

ऐसा मानना है

ऐसा माना जाता है कि महालय पर, देवी दुर्गा अपने बच्चों के साथ कैलाश से अपने पैतृक घर (पृथ्वी) में अपनी यात्रा शुरू करती हैं। महालय एक संस्कृत शब्द है, जिसमें 'महा' का अर्थ बहुत अच्छा है, और 'अलया' का अर्थ है निवास। देवी को आमंत्रित किया जाता है और मंत्र, भक्ति गीत, अभिलेख और प्रार्थनाओं के माध्यम से अपने घर में उभरा जाता है।

दुर्गा पूजा 2018 तिथियां 

महालया 2018- 8 अक्टूबर 2018

महा पंचमी 2018- 14 अक्टूबर 2018

महा शास्त्री 2018- 15 अक्टूबर 2018

महा सप्तमी 2018- 16 अक्टूबर 2018

महा अष्टमी 2018- 17 अक्टूबर 2018

महा नाबामी 2018- 18 अक्टूबर 2018

विजया दशमी 201 9- 1 9 अक्टूबर 2018


दुर्गा पूजा के प्रश्न


Festival

Credit to:cloudfront.net

यह भी पढ़ें - रक्षाबंधन 2018, 4 वर्षों के बाद इस तरह का एक अच्छा संयोजन हो रहा है

- क्या यह दुर्गा पूजा हमेशा की तरह उज्ज्वल हो सकती है। सुबहो महालय!

- सुभो देवी पक्ष। सुबहो महालय!

- यह उत्सव का मौसम आपके दिन और रात को उज्ज्वल कर सकता है। सुबहो महालय!

- देवी दुर्गा आपके जीवन को खुशी से भरें और आपको खुशी दें।

- देवी दुर्गा आपको खुशी और खुशी ला सकती हैं। सुबहो महालय!

- मई मा दुर्गा आपके सभी दुखों को खत्म कर सकते हैं और आपको शक्ति प्रदान कर सकते हैं। सुबहो महालय!

- मई मा सभी खुशी और खुशी लाएगा। सुबहो महालय!

- शिउली फुलेर गंधो,सदा मेघेर साड़ी आर काश-एर बोन, ढकर बाजना जान डचचेमा-एरामन। सुबहो महालय!

- सुबहो महालय!

- उसके आशीर्वाद आपके जीवन के पथ से सभी बाधाओं को हटा सकते हैं। सुबहो महालय!

- ढकर ताले काशेर खेल,

दुर्गा पूजा, लोगों को एक साथ लाने और एक महान सांस्कृतिक महत्व रखने के अलावा, बुराई पर अच्छाई की जीत भी चिह्नित करती है और यह सब महालय के साथ शुरू होती है। अपने प्रियजनों के साथ कुछ व्हाट्सएप इच्छाओं, ग्रंथों, छवियों और बधाई साझा करके इस शुभ अवसर को चिह्नित करें और उन्हें सुभो महालय की शुभकामनाएं दें।

हैप्पी महालय।

Mahayala 2018, Date and War and Importance. Latest and current Bollywood and all Countires news first on my website on Maxlinkinfo. like Bolly-wood news, national news, celebrity news and education, Health news etc.other that stars birthday Sepecial, festival special and popular celebrity news or Hollywood movies and Bollywood news.
महालया 2018, दिनांक और वार और महत्व : Mahayala 2018, Date and War and Importance महालया 2018, दिनांक और वार और महत्व : Mahayala 2018, Date and War and Importance Reviewed by maxlinkinfo on October 08, 2018 Rating: 5

Teja Dashmi 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण और मानयता क्या है

September 18, 2018
Festival

Teja Dashami 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाएं

तेजा दशमी को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। भाद्रपद कीशुक्ल पक्ष दशमी को भरने वाले तेजा मेले की तैयारियां जोरों पर है। लोक देवता के निर्वाण दिवस को लेकर यात्रियों के जत्थे उमड़ रहे हैं। नागौर जिले के परबतसर में तेजा दशमी से पूर्णिमा तक विशाल पशु मेले का आयोजन होता है।

तेजा दशमी की तैयारियां जोरों पर - Teja Dashami 2018

तेजा दशमी को लोग व्रत कर जहरीले कीड़े से सुरक्षा करने की मनोकामना करते हैं। इस तिथी को राजस्थान में कई जगह मेले के आयोजन होते हैं। हाथों में पताकाएं लिए पैदल यात्री तेजाजी के स्थानों पर दर्शनों को पहुंच रहे हैं। बाबा के जयकारों से प्रदेश की धरा गुंजायमान हैं। लोक देवता के रूप में प्रसिद्ध तेजाजी महाराज ने समाज को एक नई दिशा दी। दरअसल, प्रदेश में रामदेवजी, तेजाजी, पाबूजी, गोगाजी और जाम्भोजी को मरुधरा में लोकदेवता के रुप में पूजा जाता है। लोकदेवताओं के जन्मदिन या समाधि की तिथी को मेले के आयोजन होता है। इसके चलते भादवे की दशमी को जैसलमेर के रामदेवरा में बाबा रामदेव और नागौर के परबतसर में वीर तेजाजी का मेला लगता है। इस दौरान हजारों यात्री तेजाजी महाराज व रामदेव बाबा के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। बतादें कि लोक देवता तेजाजी का जन्म नागौर जिले के खड़नाल गाँव में ताहरजी और रामकुंवरी के घर माघ शुक्ला को जाट परिवार में हुआ था। किशनगढ़ के पास सुरसरा में सर्पदंश से उनकी मौत भाद्रपद शुक्ल दशमी को हो गई थी।

तेजा दशमी के पीछे क्या है मान्यता  Teja Dashami 2018 Reasons, Accreditation

ऐसी मान्यता है कि तेजाजी का विवाह उनके माता-पिता ने बचपन में पेमल के साथ कर दिया था। अपनी भाभी के बोलों से अखरे तेजाजी ने ससुराल का पता-ठिकाना पूछकर पत्नी को लाने लीलन घोड़ी से रवाना हो गए। उनकी पत्नी की सहेली लाखा नाम की गूजरी की गायों को चोर जंगल से चुरा ले गए। तेजाजी इसी मार्ग से गुजर रहे थे। लाखा ने उन्हें रोककर गायों को चोरों से छुड़ाकर लाने के लिए कहा। तेजाजी ने लाखा की बात मानकर गायों को चोरों से मुक्त कराने निकल पड़े। रास्ते में सांप ने उन्हें डसने का प्रयास किया तो गायों को चोरों से मुक्त कराकर लाख को संभलाकर वापस सांप के पास आने की प्रार्थना कर डाली। इस पर सांप ने बात मान ली। इसके बाद गायों को छुड़ाने के लिए तेजाजी का चोरों से काफी संघर्ष हुआ। इससे तेजाजी के पूरे शरीर पर गहरे जख्म हो गए। वापस जब सांप के पास घायल तेजाजी महाराज लौटे तो सांप ने डसने से मना कर दिया। इस पर तेजाजी ने सांप को जीभ पर डसने के लिए कहा। सांप के डसने पर तेजाजी महाराज धरती मां की गोद में समा गए । इसके बाद से तेजा दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा। वीर तेजाजी को काला और बाला के रुप में भी लोग पूजते हैं। तेजाजी के स्थान पर सांप या जहरीले कीड़े के डसने से हुए घायल को ले जाने पर ठीक हो जाता है।

लोकदेवता के रूप में पूजनीय तेजाजी के निर्वाण दिवस भाद्रपद शुक्ल दशमी को हरवर्ष Teja Dashami के रूप में मनाया जाता है।

19 सितम्बर 2018 तेजा दशमी - 19 September 2018 Teja Dashami

Festival

Credit to:samacharjagatlive.com

लोग व्रत रखते हैं। प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल 10 (तेजा दशमी) से पूर्णिमा तक तेजाजी के विशाल पशु मेले का आयोजन किया जाता है | इस वर्ष तेजा दशमी (19 सितम्बर 2018  ) को सभी जगह मनाई जाएगी |

नवमी की पूरी रात रातीजगा करने के बाद दूसरे दिन दशमी को जिन-जिन स्थानों पर वीर तेजाजी के मंदिर हैं, मेला लगता है।

हजारों की संख्या में श्रद्धालु नारियल चढ़ाने एवं बाबा की प्रसादी ग्रहण करने तेजाजी मंदिर में जाते हैं।

इन मंदिरों में वर्षभर से पीड़ित, सर्पदंश सहित अन्य जहरीले कीड़ों की ताँती (धागा) छोड़ा जाता है।

सर्पदंश से पीड़ित मनुष्य, पशु यह धागा सांप के काटने पर, बाबा के नाम से, पीड़ित स्थान पर बांध लेते हैं।

इससे पीड़ित पर सांप के जहर का असर नहीं होता है और वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है।
Teja Dashmi 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण और मानयता क्या है Teja Dashmi 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है और इसके कारण और मानयता क्या है Reviewed by maxlinkinfo on September 18, 2018 Rating: 5

Krishna Janmashtami 2018, Shri Krishna was conceived in Rohini Nakshatra of Bhadadpad

August 27, 2018
festival

Krishna Janmashtami 2018,  Shri Krishna was conceived in Rohini Nakshatra of Bhadadpad


Ruler Shri Krishna was conceived in Rohini Nakshatra of Bhadadpad . This time Krishna Janmashtami is on 2 September ie Sunday. It is said in regards to Mathura-Vrindavan that if a stone conveys a stone from here, it falls on either sanctuary. In this way, this sanctuary is otherwise called the city of sanctuaries, and also every sanctuary has an association with Lord Krishna. On the event of Janmashtami, we disclose to you today what is the connection of Lord Krishna to these sanctuaries of Mathura-Vrindavan ...

Krishna Janma Bhoomi

festival

Credit to:wordpress.com

As you probably are aware from the name that Lord Krishna was conceived here in the jail. Janmashtami of Krishna Janma  Bhoomi is world well known. This sanctuary is arranged amidst Mathura. Krishna Janmashtami Special 2018.

Dwarkadheesh temple

festival

Credit to:gstatic.com

Krishna Janmashtami Special festival of 2018 .The sanctuary of Dwarkadheesh, the sanctuary of Mathura, was worked in 1814. Here you will meet Lord Krishna and the occasions identified with him by performing curios. There is a great deal of group amid Janmashtami. After Mathura in Mathura, the temple of Dwarkadhish is the most elevated love. Krishna Janmashtami Special festival of 2018 .

Nidhivan

festival

Credit to:wordpress.com

Secrets brimming with reserves It is trusted that here even today Kanha comes to construct a country with the Gopis. At night uncommon arrangements are done in the sanctuary. The windows of the considerable number of houses are shut to the entryway. Indeed, even winged creatures and creatures additionally leave from this timberland at night. Indian Festival Krishna Janmashtami 2018.

Banke Bihari Temple

festival

Credit to:shrimathuraji.com

The well known sanctuary of Vrindavan is ShriBanke Bihari Temple. Without this sanctuary, the excursion of Vrindavan isn't finished. Numerous fans from various nations and nations come to visit due to various kinds of cosmetics here. Arrangements in the sanctuary start with an uproarious commotion only seven days before Janmashtami. Hinduism festival of Krishna Janmashtami 2018 is important for hindu.

Radha Raman temple

festival

Credit to:pilgrimaide.com

On the event of Janmashtami, you can go to the sanctuary of Radha Raman. It is an extremely old and eminent temple, it is made by taking a gander at its excellence. It is said that this temple was built up in 1542. Here Lord Krishna and Radharani are known as Shaligram.

Chirghat

festival

Credit to:.blogspot.com

Chiraghat is renowned for the Kadamb tree. It is said that Lord Krishna had rested after the butcher of the beast on the Kadamb tree exhibit here. In the meantime, Bal Gopal had climbed this tree with the garments of the Gopis while washing.

Kaaliya Dhaman Ghati

festival

Credit to:wikimedia.org

You can likewise visit Kaliya Daman Ghat to know Lord Krishna on Janmashtami. It is said in regards to this ghat that when Krishnaji returned in the wake of stifling Kaliya, his folks cried so much that this ghat was shaped from his Asunos. Krishna Janmashtami 2018 Important day of Krishan  because this day was born Shri Krishna.

Srangar Ghat

festival

Credit to:blogspot.com

The Srangar Ghat arranged on the banks of Yamuna is committed to Krishna and Radha. Here, Krishna influenced Radhika Rani's make-to up. In the meantime, Nitinandji had laid on this breakwater and rested. Krishna Janmashtami 2018.
Krishna Janmashtami 2018, Shri Krishna was conceived in Rohini Nakshatra of Bhadadpad Krishna Janmashtami 2018,  Shri Krishna was conceived in Rohini Nakshatra of Bhadadpad Reviewed by maxlinkinfo on August 27, 2018 Rating: 5

Rakshabandhan 2018, after 4 years Such a Good Combination is Happening

August 25, 2018
National

Rakshabandhan 2018, after 4 years Such a Good Combination is Happening

Rakshabandhan Shravani Purnima will be celebrated on August 26, the brother- sister festival . Jyotishcharya Pandit Arunesh Kumar Sharma said that the Rakshabandhan 2018 festival will be celebrated throughout the day due to the completion of the full moon day till 5.26. Four years later, there is a coincidence that there will be no Bhadra on the day of Raksha Bandhan 2018.

Auspicious time

Character from 7.43 to 9.18 in morning, profit from 9.18 to 10.53 in the morning, from 10.53 to 12.28 in the morning, the aperit from 2.03 to 3.38 in the afternoon, will be available from 6.48 to 8.13 in the evening.

According to the ephemeris, the full moon day will begin on August 25 at 3.25 pm. Which will remain on August 26 at 5.30 pm. On this day, the fortune constellation will remain till 12.35 pm.

The Muhurat of Raksha Bandhan will be held from 7.43 am to 12.28 am on August 26. After this, it will remain 2 to 4 in the afternoon.

On the occasion of Raksha Bandhan, here are some Rakhi messages, greetings, wishes, images, quotes, SMS, Whatsapp messages, Facebook greetings that you can send to your sibling and make the day special for them.

Due to the date of sunrise, Rakhi can also be built at night.


National

Credit to:archanaskitchen.com

In the year 2017, due to the Rakshabandhan 2018 Festival festival and the eclipse, auspicious time was for very limited time while Shravan Purnima will remain free of eclipse and Bhadra this time.

The quintet will definitely be due to being a close nexus on Rakshabandhan 2018, but it is auspicious for the dakshitra.

August 26 is Raksha Bandhan, the Indian festival that symbolizes sibling love. On this day, a sister ties a sacred thread, called Rakhi, on her brother's wrist and prays for his long life. The brother also promises to be there for her sister. The siblings also exchange gifts and sweets and spend the day together reminiscing their childhood and making more happy memories together. Here are some Raksha Bandhan messages, greetings, wishes, images, quotes, SMS, Whatsapp messages, Facebook greetings that you can send to your sibling and make the day special for them.
Rakshabandhan 2018, after 4 years Such a Good Combination is Happening Rakshabandhan 2018, after 4 years Such a Good Combination is Happening Reviewed by maxlinkinfo on August 25, 2018 Rating: 5
Powered by Blogger.