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क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast

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क्या है Karva Chauth 2018 जानिए पूजन सामग्री, शुभ मुहूर्त, और कोनसी महिला नहीं कर सकती ये व्रत : What is Karva Chauth 2018 Know worshiping material, auspicious time, and which woman can not fast this fast

भारत में वैसे तो कई त्योहार मनाये जाते है लेकिन करवा चौथ का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है इसे  परंपरागत रूप से दुनिया भर में हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। हिंदू चंद्रमा कैलेंडर के चौथ के दिन, करवा या करवा चौथ पर महिला अपने पति की लम्बी उम्र और सुरक्षा और उनके लंबे जीवन के लिए मजबूती देने के लिए उपवास रखती है। Karva Chauth 2018, Karva Chauth 2018: करवा चौथ का शुभ मुहूर्त,व्रत रखने से पहले सुहागिन महिलाएं जान लें ये बातें, Karwa Chauth 2018 Date टाइम, कैसे करें करवा चौथ का व्रत और पूजा।

दुनिया के विश्वगुरु भारत में, त्यौहार मुख्य रूप से पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मनाया जाता है। महाभारत के वाना पर्व के अनुसार, त्यौहार की उत्पत्ति उस समय की जा सकती है जब सावित्री ने अपने पति की आत्मा के लिए भगवान यम की मृत्यु के देवता से आग्रह किया था। इस दिन के दौरान, विवाहित महिलाएं जीवंत कपड़े पहनती हैं और अपने हाथों पर सुंदर मेहँदी डिज़ाइन बनती हैं। वे चंद्रमा को देख कर उसके बाद अपने पति का चेहरा देख कर अपना उपवास तोड़ती है ।

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Karva Chauth 2018 करवा चौथ के दिन पानी पीना चाहिए या नहीं?

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हिंदू धर्म में करवा चौथ (Karwa Chauth) का बहुत महत्व है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं पूरे दिन भूखे और प्यासे रहकर अपने पति के लिए व्रत रखती हैं. इस व्रत की प्रचलित कथा के मुताबिक करवा चौथ (Karwa Chauth) का उपवास रखने से पति के जीवन से संकट दूर होकर उसकी आयु लंबी होती है. इसी मान्यता के चलते यह त्योहार बहुत प्रचलित है. करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत जितना प्रसिद्ध है उतना ही कठिन भी है. क्योंकि इस दिन महिलाएं पानी तक नहीं पीतीं. कई घरों में महिलाएं करवा चौथ के दौरान पानी नहीं पीतीं. लेकिन आपको बता दें व्रत की प्रचलित कथाओं में कहीं भी पानी ना पीने के बारे में नहीं लिखा गया है।

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कोनसी महिलाओं को नहीं करना चाहिए ये व्रत

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अगर आपको सेहत से जुड़ी परेशानी या फिर आप प्रेग्नेंट हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह करके ही पानी को अवॉइड करें. साथ ही अगर आपका यह पहला करवा चौथ (Karwa Chauth) हो तो आप शाम की कथा के बाद पानी पी सकती हैं. वहीं, जिन घरों सरगी का चलन है, वो सुबह सरगी खाने के साथ पानी भी पी सकती हैं.

माना जाता है की करवा चौथ (Karwa Chauth)पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत है। इसके प्रभाव से सारे पाप नष्ट होते और जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता। पति की आयु में वृद्धि होती। गणपति, शिव-पार्वती व चंद्रमा की पूजा की जाती। शनिवार को करवा चौथ है। इसे लेकर महिलाओं में उल्लास है। व्रत को लेकर पूर्व दिवस पर देर शाम तक खरीदारी होती रही।

चलनी का महत्व

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कर्मकांड विशेषज्ञ पं. कमलापति त्रिपाठी 'प्रमोद' बताते हैं कि सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। व्रत में चलनी का काफी महत्व है। महिलाएं पूजा की थाली में पूजन सामग्री के साथ-साथ चलनी भी रखती हैं।  व्रत की रात वे पति को इसी चलनी से देखकर व्रत पूरा करती हैं। वे इस चलनी में पहले दीपक रखकर चांद को देखती हैं, फिर पति को निहारती हैं। इसके बाद पति उन्हें पानी पिलाकर व्रत पूरा करवाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि चंद्रमा को लंबी आयु का वरदान मिला है। उसमें सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण हैं। इसलिए, महिलाएं चांद को देखकर कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं।  यह भी पढ़ें - तेजा दशमी 2018 तेजा दशमी क्यों और कैसे मनाई जाती है

पूजा का मुहूर्त

करवा चौथ (Karwa Chauth) पूजा मुहूर्त - संध्या 5:40 से 6:47 बजे तक

चंद्रोदय का समय - संध्या 7:55 बजे

जन सामग्री - 

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मां पार्वती, भगवान शिव और गणपति की फोटो। कच्चा दूध, कुमकुम, अगरबत्ती, शक्कर, शहद, पुष्प, शुद्ध घी, दही, मेहंदी, मिठाई, गंगाजल, चंदन, चावल, सिंदूर, अलता, कंघा, चुनरी, बिंदी, बिछिया, चूड़ी, मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन, दीपक और बाती के लिए रूई, गेहूं शक्कर महीन, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठवारी, हलवा और दक्षिणा के लिए पैसे।

इस पूरी सामग्री को व्रत के एक दिन पहले ही एकत्रित कर लेना चाहिए। फिर व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ और स्वच्छ कपड़े पहनकर शृंगार कर लें। इस अवसर पर करवा के साथ मां पार्वती और शिव की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान व्रत का संकल्प लेने के लिए इस मंत्र का जाप करें

'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।

घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और चावल को पीस कर उससे करवा का चित्र बनाएं। शाम को भगवान शिव और पार्वती की कोई ऐसी फोटो लकड़ी के आसन पर रखें, जिसमें भगवान गणेश मां की गोद में बैठे हों। मां पार्वती को शृंगार सामग्री अर्पित करें। इसके बाद मां पार्वती, भगवान गणेश और शिव की आराधना करें।

कोरे करवा में जल भरकर करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। चंद्रोदय के बाद चांद की पूजा करें और अघ्र्य दें। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत खोलें। पूजन के बाद अपने सास-ससुर और घर में बड़ों का आशीर्वाद जरूर लें।

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